Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -28-May-2022 क्या दिन थे वो

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा


शीर्षक-क्या दिन थे वो

क्या दिन थे वो
जब हम तुम मिला करते थे
कुछ बातें कुछ मुलाकातें
होती थी कुछ यादगारे

 खुश नसीब होते थे वो पल
जब हम साथ हुआ करते थे
दुख तो जैसे छूमंतर हो जाया करते थे
जिंदगी भर साथ निभाने का
कर चुके थे वादा हम

पर खुदा को कहां मंजूर था
आया खुदा का ऐसा इशारा
हमारे प्यार पर बादल ऐसा मंडराया
किस्मत ने हमें आजमाया
दोनों की राह को कर दिया पराया
 हम ने तो अपना धर्म निभाया
धीरे-धीरे एक दूसरे को भुलाया

धीरे-धीरे भूल चुके थे हम
पर अचानक से वो मेरे सामने आया
अचानक से हुआ ऐसा मिलन
आश्चर्य में पड़ गया मेरा मन
देखा जब मैंने लेकर खड़े थे वरमाला
दुल्हन किसी ओर को बना कर ले रहे थे फेरा

कर रहे थे आज हम उनकी खिदमत
मांग रहे थे रब से उनकी किस्मत
दुआ थी हमारी  जोड़ी रहे सलामत
यह दोनों एक दूसरे की है अमानत

अश्रु का बना हुआ  था दरिया
दरिया में ना आए उफान
झुका कर रखे थे हम अपनी पलक
पर हम उनके साथ रहेंगे हमेशा
जिस्म से नहीं रूह से रहेंगे  साथ हमेशा
यह हम पहले बयान कर चुके थे

नहीं थी हमे कोई शिकवा
पर नहीं बना सके किसी को अपना
मोहब्बत की थी बेइंतहा
किसी ओर को नहीं देंगे दगा

पर देखते हैं जब हमारी मांग सूनी
मन मेरा हो जाता दुखी
इस मांग में सजाना था जिसका सिंदूर
अब हम गवा चुके थे उन्हें

सलाह देते हैं  हमें वो
आगे बढ़ने की देख राह तू
किस डगर पर जाऊं मैं
मन तो तुम्हारा नाम ले बैठा
दिल पर नाम लिखा तेरा
अब नहीं हमें कोई गवारा
हम अंतिम इच्छा तुम्हें बता चुके 
अब हमें कोई नहीं देना सराहना
जी रहे थे तुम बिन
आगे भी जीना सीख जाएंगे तुम बिन

 





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11 Comments

Seema Priyadarshini sahay

29-May-2022 11:13 PM

बहुत बेहतरीन

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Shrishti pandey

29-May-2022 05:23 PM

Nice

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Abhinav ji

29-May-2022 08:05 AM

Nice👍

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